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क्‍या होता है नार्को टेस्‍ट? इंजेक्शन लगते ही लोग सच क्यों उगलने लगते हैं क्‍या है पूरी प्रक्रिया (what is Narco test)

 

क्‍या होता है नार्को टेस्‍ट? इंजेक्शन लगते ही लोग सच क्यों उगलने लगते हैं  क्‍या है पूरी प्रक्रिया (what is Narco test)


https://www.truemotivationalstoriesinhindi.com/2022/11/what-is-narco-test-aaftab-poonawalla-truth-serum.html



दोस्तों आपने टीवी, अखबारों और इंटरनेट पर नार्को टेस्ट के बारे में तो सुना ही होगा और आजकल नार्को टेस्ट चर्चा में भी है तो चलिए इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि नार्को टेस्ट क्या होता है इसे कैसे करते हैं और इसे करने से क्या फायदे होते हैं और इस नार्को टेस्ट को करने का उद्देश्य क्या है.

क्या होता है नार्को टेस्ट ( what is Narco test)

दोस्तों नार्को टेस्ट एक ऐसा मेडिकल और साइंटिफिक टेस्ट होता है जो किसी इंसानों पर किया जाता है और इस नार्को टेस्ट को किसे इंसान पर करने के बाद वह  इंसान अपने अनकांशस अवस्था में पहुंच जाता है और अपने अंदर की भावनाओं, बातों और सच को जो वह  अपनी चेतन अवस्था में किसी को बताना नहीं चाहता है वह भी सबको बता देता है और अपने सारी राज ,जानकारियां इंफॉर्मेशन दूसरे को देने लगता है.

क्यों किया जाता है नारकोटेस्ट ( why to use Narco test)


दोस्तों आपको बता दें कि नार्को टेस्ट को करने के कारण बहुत ही बड़े होते हैं और इनको साधारण मनुष्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता है इस टेस्ट का इस्तेमाल आमतौर पर पुलिस ,जांच एजेंसी, डॉक्टर्स की टीम किसी अपराधी से सच उगलवाने के लिए और सच का पता लगाने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट को करने के बाद अगर कोई अपराधी अपने राज, सच्चाई जो वह अपनी चेतन अवस्था में किसी को नहीं बताता है तो इस नार्को टेस्ट को करने के बाद वह  अवचेतन अवस्था में अपने सारे राज उगल देता है और पुलिस को अपनी मनमाफिक जानकारी मिल जाती है.

कैसे होता है नार्को टेस्ट ( Narco test procedure)


दोस्तों आपको बता दें कि नार्को टेस्ट किसी पर साधारण मनुष्य के लिए नहीं बना है और ना ही किया जाता है बल्कि यह किसी विशेष अवस्था में खासतौर पर अपराधियों के संग ही किया जाता है।  दोस्तों आपको बता दें कि इस टेस्ट को करते समय बेहद सावधानी की आवश्यकता होती है अगर थोड़ी सी भी लापरवाही होती है तो नार्को टेस्ट होने वाले व्यक्ति की जान पर भी बन सकती है और उसे शारीरिक और मानसिक आघात भी पहुंच सकता है इसलिए इस नार्को टेस्ट को करवाने के लिए कानूनी मंजूरी की आवश्यकता होती है और कानून से मंजूरी मिलने के बाद यह नार्को टेस्टको किया जा सकता है.दोस्तों नारकोटेस्ट किसी  व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है इसलिए इस नार्को टेस्ट को करने के पहले कानूनी कार्रवाई और कानूनी मंजूरी की आवश्यकता होती है.

दोस्तों नार्को टेस्ट में जिस इंसान का टेस्ट करना होता है उस इंसान को ट्रुथ सिरम नामक एक दवा दी जाती है और इस दवा में कुछ रसायनिक  होते हैं जैसे बार्बिटुरेट्स, जैसे सोडियम अमाइटल और सोडियम पेंटोथल। जब यह सीरम किसी इंसान को दिया जाता है तो यह उस इंसान की सोचने की प्रक्रिया को खत्म कर देता है और वह मनुष्य बिल्कुल बेहोशी की अवस्था में पहुंच जाता है लेकिन वह पूरी तरह बेहोश नहीं होता इसके बाद डॉक्टर्स की टीम एक्सपर्ट्स जांच एजेंसी आप पुलिस उससे अपने सवाल पूछते हैं और वह बिना किसी झिझक के इन  सवालों का जवाब बड़ी आसानी से दे देता है.

नारको टेस्ट के दौरान व्यक्ति ना ही पूरी तरह होश में होता है और ना ही पूरी तरह बेहोश बल्कि वह उस अवचेतन अवस्था में पहुंच जाता है जहां उसे कुछ समझ में नहीं आता और वह अपने सारे राज और सच्चाई है दूसरों को बताने लगता है
दोस्तों आपको बता दें कि इस फिल्म के कई साइड इफेक्ट भी होते हैं इसलिए इससे देने के लिए एक्सपर्ट की टीम और डॉक्टर्स की टीम की मौजूदगी जरूरी होती है और यह टेस्ट कमज़ोर या मानसिक रूप से कमजोर लोगों के लिए नहीं होता है क्योंकि इससे उनकी दिमाग और शरीर को नुकसान पहुंच सकता है दोस्तों आपको बता दें कि नारको टेस्ट के दौरान इस पूरी प्रक्रिया की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की जाती है।  

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